महाराष्ट्र सरकारी स्कूल 2025-26 से CBSE पैटर्न अपनाएंगे: छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार की ओर बड़ा कदम

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) पाठ्यक्रम को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह बदलाव 2025-26 शैक्षणिक सत्र से प्रभावी होगा और इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाना है। राज्य के शिक्षा मंत्री दादाजी भूसे ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेगा।

CBSE पैटर्न क्यों?

CBSE पैटर्न को लागू करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा राज्य पाठ्यक्रम ढांचे (State Curriculum Framework) को मंजूरी मिलने के बाद लिया गया है। इसके तहत, छात्रों को एक समग्र और मानकीकृत शिक्षा प्रणाली मिलेगी, जो उन्हें उच्च शिक्षा और करियर के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेगी।

दो चरणों में होगा कार्यान्वयन

महाराष्ट्र में CBSE पैटर्न को दो चरणों में लागू किया जाएगा:

  1. पहला चरण (2025-26):
    • CBSE पाठ्यक्रम को कक्षा 1 में लागू किया जाएगा।
    • शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों को नए पाठ्यक्रम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
    • CBSE पाठ्यपुस्तकों का मराठी भाषा में अनुवाद 1 अप्रैल तक उपलब्ध कराया जाएगा।
  2. दूसरा चरण (2026-27):
    • CBSE पैटर्न को अन्य कक्षाओं में भी लागू किया जाएगा।
    • इस दौरान राज्य के इतिहास, भूगोल और मराठी भाषा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए रखा जाएगा।

महाराष्ट्र की संस्कृति और भाषा को मिलेगा महत्व

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि CBSE पैटर्न को अपनाते समय महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। राज्य के इतिहास, भूगोल और मराठी भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि छात्रों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का अवसर मिल सके।

वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बदलाव

वर्तमान में, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (MSBSHSE) कक्षा 10 (SSC) और कक्षा 12 (HSC) की परीक्षाएं आयोजित करता है। नए बदलावों के साथ, छात्रों को राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया जाएगा, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा और करियर के लिए बेहतर अवसर मिल सकेंगे।

शिक्षकों और अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण

CBSE पैटर्न को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए, शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे नए पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय राज्य की शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है। CBSE पैटर्न को लागू करने से छात्रों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। साथ ही, राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखते हुए शिक्षा के नए मानक स्थापित किए जाएंगे।

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